एक शिव एक नारायण, दोनो है समरुप
कही पर छाया बन जाते है कही बनते धूप
एक शिव एक नारायण, दोनो है समरुप
एक के संग लक्ष्मी, एक के संग शक्ति रुप
सीता जी सम सहनशील, लव कुश बालक रुप ||
कही पर छाया बन जाते है कही बनते धूप
एक शिव एक नारायण, दोनो है समरुप
एक के संग लक्ष्मी, एक के संग शक्ति रुप
सीता जी सम सहनशील, लव कुश बालक रुप ||
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